हर इंसान को शराब दो

हर इंसान परेशान है
हर इंसान को शराब दो

जो सोना चाहता है उसे नींद दो
जो जीना चाहता है उसे ख़्वाब दो
जो सब कुछ पा गये हैं उन्हे सवाल दो
सब कुछ गँवाने वाले को जवाब दो
उड़ने वाले को एक नया आसमान दो
काँटों पे चलने वाले को गुलाब दो
खामोशी से वाबस्तगी जिनकी उन्हे साज़ दो
ख़ुशियों से जुदा हैं जो उन्हे शबाब दो
सबकी ज़िंदगी अपनी, मुक़ाम भी अपना
जिसका जिसमें नफ़ा-नुकसान हो
उसको वो हिसाब दो

हर इंसान परेशान है
हर इंसान को शराब दो

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  1. हर इंसान परेशान है
    हर इंसान को शराब दो

    aapne sarkaar ki neend udaa di aur janata ke man ki baat kahi

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